उत्तराखंड त्रासदी में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले की निघासन तहसील से 33 लोग लापता हैं। इनमें से 16 इच्छानगर गांव के हैं। उनमें भी पांच तो एक ही परिवार के हैं। इन 33 के अलावा दो और लोग लापता थे, लेकिन इनमें से एक का शव बरामद हो गया है, जबकि एक से परिवार की बात हो गई है। ये सभी तपोवन स्थित NTPC पावर प्लांट में काम करने गए थे। निघासन से करीब 25 किलोमीटर चलने के बाद बाएं हाथ पर पगडंडियों के सहारे तीन किमी दूर इच्छानगर गांव है। यहां लोगों की भीड़ लगी है। हर आने जाने वाली गाड़ी को उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं कि शायद कोई अच्छी खबर मिल जाए। रास्ते में ही जितेंद्र मिलते हैं। बताते हैं कि उनके परिवार के छह लोग लापता हुए थे। इनमें से एक से बात हो गई है। बाकी पांच का पता नहीं चल सका है। जितेंद्र अपने चचेरे भाई कृष्णा कुमार के घर ले गए। जहां कृष्णा की पत्नी कौशल्या रोते-रोते निढाल हो चुकी हैं। घर के बरामदे में अलाव जल रहा है और गांव की महिलाएं और रिश्तेदार उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। कौशल्या ने बताया कि उनके पति कृष्णा (52) और बेटा राजू (23) तीन महीने पहले उत्तराखंड काम करने गए थे। राजू की मंगनी हो गई थी। 24 अप्रैल को उसकी शादी है। कौशल्या को पति-बेटे की सलामती की उम्मीद है, लेकिन जितेंद्र की आस टूट चुकी है। कौशल्या की तीन बेटियां भी हैं। 14 साल की बेटी बेहोशी की हालत में चारपाई पर है, जबकि आठ साल और चार साल की बेटियों के आंसू नहीं थम रहे।