राज्य में पांच साल बाद आईपीएस कैडर का रिव्यू हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद सूबे के पुलिस महकमे में कई स्तर पर बड़ा बदलाव आया है. 11 अतिरिक्त आईपीएस मिलने से राज्य की कैडर क्षमता 231 से बढ़कर 242 हो गयी है. इसके अलावा बिहार पुलिस सेवा (बिपुसे) से आईपीएस में प्रोन्नति पाने वालों को भी बड़ी राहत मिली है. इसके अंतर्गत बिपुसे से आईपीएस में प्रोन्नति वालों का कोटा भी बढ़ गया है. अब 70 के स्थान पर 73 बिपुसे के पदाधिकारियों को आईपीएस बनने का मौका मिल सकेगा.

तीन पद की बढ़ोतरी होने से राज्य पुलिस सेवा के ज्यादा संख्या में पदाधिकारी आईपीएस बन सकेंगे. अगली बार वर्ष 2022 में कैडर रिव्यू होगi डीआईजी के तीन पद हुए कम : आईपीएस कैडर रिव्यू के बाद बिहार कैडर को जो 11 अतिरिक्त पद अधिकारियों के मिले हैं, उसमें एक पद एडीजी का शामिल हैं. अब राज्य में एडीजी के पद नौ से बढ़कर 10 हो गये हैं. अब राज्य में एडीजी (एससीआरबी एवं आधुनिकीकरण) एक नया पद होगा. एक पद आईजी का पद बढ़ने से इनकी संख्या 22 से बढ़कर 23 हो गयी है.एसपी के सात पद बढ़ने से इनकी संख्या 67 से बढ़कर 74 हो गयी है. वहीं, डीआईजी के तीन पद घटने के बाद इनकी संख्या 25 से कम होकर 22 हो गयी है. इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अधिकारियों का भी कोटा बढ़ गया है. यह 50 से बढ़कर 52 हो गया है.

यानी अब बिहार कैडर के आईपीएस की कुल क्षमता 242 में अधिकतम 52 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं. इसी तरह स्टेट रिजर्व कैडर की क्षमता भी 31 से बढ़ाकर 33 कर दी गयी है. लीव (अवकाश) रिजर्व को बढ़ाकर 20 से 21 कर दिया गया है. यानी कुल कैडर क्षमता में अधिकतम 21 अधिकारी एक साथ अवकाश पर रह सकते हैं. ट्रेनिंग पर जाने वाले अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की गयी है.एसपी के नये पदों में कुछ पहले से मौजूद पदों को कैडर पोस्ट में बदल दिया गया है. मसलन ट्रैफिक एसपी के पद को कैडर पद बनाया गया है. इसके अलावा निगरानी, एसटीएफ, बीएमपी-1 में कमांडेंट, होम गार्ड कमांडेंट, एसएसजी (स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप), एटीएस (एंटी टेरोरिस्ट स्कॉयड) और एसटीएफ एसपी के एक-एक नये पद की बढ़ोतरी की गयी है.