बिहारके बारेमे एसा कहा जाता है की यहां की राजनितीमें कुछभी हो शकता है. एसा ही कुछ बिहारकी अहंम माने जाने वाली पार्टी लोक जनशक्ती पार्टीमे देखने को मीला है. राम विलास पासवान द्वारा स्थापित की गई ये पार्टीमें से उनके बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवानको ही पार्टी से निकाला गया है. उनकी पार्टीके पांच सांसदोने उनके ही खिलाफ बगावत की है और उनके चाचा पशुपतिकुमार पारस पार्टीके अध्यक्ष बन गये है. ये सब घटनाक्रमके बाद बुधवारको रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवानने एक पत्रकार वार्ताका आयोजन कियाथी जीसमे उन्होने कहा की जब उनके पिता रामविलास पासवान जब बीमारथे अस्पतालमें उनका ईलाज चल रहाथा तबी कुछ लोगोने उनकी पार्टी को तोडने की कोशिश की थी. मेरे पिताजीने हमारे पक्षके कुछ लोग और चाचाको इसके बारेमें बातभी कीथी. उन्होने कहाथा की जो संघर्ष उन्होने कीया है वो संघर्ष करने के लिए पार्टीके ही कुछ लोग तैयार नहीं है. चिराग पासवानने कहा के उनकी पार्टी के संविधानमें ही लिखा है के राष्ट्रीय अध्यक्षका देहांत होता है तभी उसे हटाया जा शकता है.