देशमे सालो तक राज करने वाला और हालमें मुख्य विपक्षकी भूमिका अदा करने वाला कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधीने आज अपने नेताओ से दो टूक की. उनके तेवर आज नरम नहीं दीख रहे थे। जनता तो कांग्रेसको वोट दिलाकर सत्ता तक पहोंचाती है लेकिन कांग्रेस शासित राज्यो के नेताओ के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पंजाबमें कांग्रेस बहुमतिमें है लेकिन नवजोतसिंह सिद्धु और केप्टन अमरिन्दरके बीच चल रही तनातनी के कारन वहां के हालात कुछ ठीक नहीं है। वैसे ही हाल छत्तीसगढ का वहां सीएम बनने के लिए होड लगी हुई है। तो राजस्थानमें भी कांग्रेस के दो नेता सचिन पायलट और अशोक गेहलोत के बीचकी तनातनी छीपी हुई नहीं है। वहीं मध्यप्रदेश जैसा बडा राज्य कांग्रेस पहेले ही गंवा चूकी है। ये सब हालात के बीच देशकी राजधानी दिल्ली कांग्रेस वर्किग कमिटिकी बेठक शुरु हुई है जीसमें सोनिया गांधी ने पार्टी के G-23 नेताओं को साफ कर दिया है कि वे ही कांग्रेस पार्टी की फुल टाइम प्रेसिडेंट हैं। बता दें G-23 से आशय पार्टी के उन 23 नेताओं से है जिन्होंने पिछले साल सोनियाजी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव और फुल टाइम प्रेसिडेंट की जरूरत बताई थी।
सोनिया ने यही नेताओ को अब सीधे सीधे संदेश दे दिया है की मीडिया के जरीये उनसे बातचीत नहीं करे वही कांग्रेसकी फूल टाईम प्रेसिडेन्ट है। एआईसीसीकी बेठकमें उन्होने कहा कि संगठन चुनावों का शेड्यूलकी पूरी प्रक्रियाकी जानकारी वेणुगोपाल के पास है वही सबको ईससे अवगत करवायेंगे। सोनिया गांधी के तेवर को देख कर गुलाम नबीं आजात बचावकी भूमिकामें दीखे उन्हो कहा की सोनिया गांधी के नेतृत्व र सवाल उठाने की बात वो कभी सोचभी नहीं शकते उनका कहना था की चीठ्टी लिखने का तात्पर्य सिर्फ बडे बदलाव और प्रभावी नेतृत्वका प्रस्थापन करने का था।