गुजरातमें शेर की गीनती 672 उपर पहोंच गई है. जीनमें से दो सालमें गीर के जंगलमें 283 शेरकी मोत हो गई है. जीनमें से 257 शेरकी मोत कुदरती हे और 29 शेर अलग अलग घटनाओमें मारे गये है. गुजरात विधानसभामें एक सवाल के जवाबमें वनमंत्रीने बताया की साल 2020में 16 शेरकी आकस्मिक मोत हई है वहीं 2021में अलग अलग घटनाओमें 13 शेर मारे गये. शेरको बचाने के लिए गुजरात सरकार पीछले कई सालसे मुहिम चला रही है. वन विभाग द्वारा लायन एम्ब्युलन्स और वन्य प्राणी सारवार केन्द्र शुरु किया गया है. यही नहीं वेटरनिटी ओफिसर की भी नियूक्ति की गई है. वन कर्मीओ को आधुनिक वाहन, हथियार और वोकीटोकी सेट से लेस कीए गये है. राजुला पीपावाव के आसपास चेईनलिंक फेन्सिंग भी की गई है.