उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) अपने बांधों के अचानक टूटने पर पैदा होने वाले संकट से बचाव को लेकर आपातकालीन कार्ययोजना बना रहा है। इसके तहत आज मंथन होने जा रहा है, जिसमें केंद्रीय जल आयोग से लेकर तमाम केंद्रीय संस्थानों के पदाधिकारी शामिल होंगे।

केंद्र सरकार के डीआरआईपी (डैम रिहैबिलिटेशन एंड इंप्रूवमेंट प्रोग्राम, यानी बांध पुनर्वास एवं सुधार कार्यक्रम) के तहत यूजेवीएनएल अपने बांधों और बैराजों के आरआई का काम करा रहा है। इसके तहत विषम परिस्थितियों, जैसे कि अत्यधिक बाढ़ या बांध के क्षतिग्रस्त होने की दशा में बांध के डाउनस्ट्रीम में स्थित प्रभावित क्षेत्रों एवं निवासियों की सुरक्षा के दृष्टिगत केंद्रीय जल आयोग के सहयोग से यूजेवीएनएल ने उत्तरकाशी में स्थित मनेरी बांध और देहरादून जिले में स्थित इच्छाड़ी बांध के लिए आपातकालीन कार्य योजना तैयार की है। 

इसके कार्यान्वयन के लिए सोमवार को वर्चुअल तौर पर परामर्श बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक में विश्व बैंक के साथ ही केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय धातु विज्ञान विभाग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, बांध पुनर्वासन एवं उच्चीकरण परियोजनाओं के अंतर्गत सम्मिलित राज्यों के प्रतिनिधि, केंद्रीय व संबंधित राज्य व जिला आपदा प्रबंधन के अधिकारी, प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रतिनिधि शामिल होंगे