अमेरिका के नए प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने H-1B वीजा होल्डर्स के जीवनसाथियों (H4 वीजा होल्डर्स) को अमेरिका में काम जारी रखने की मंजूरी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौर में इस पर रोक लगा दी गई थी। बाइडेन के इस फैसले से अमेरिका में रह रहे करीब एक लाख भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को फायदा होगा। 2015 में तब के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने H-1B वीजा होल्डर्स के जीवनसाथियों (पति या पत्नी) को काम करने की मंजूरी दी थी। इसके लिए H4 वीजा होना जरूरी था। इसके पहले इन्हें काम करने की मंजूरी नहीं थी।
ट्रम्प ने एंटी इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत इस पर रोक लगा दी थी। ट्रम्प का कहना था कि, इसे बंद नहीं करेंगे तो अमेरिकियों का रोजगार छिन जाएगा। बहरहाल, बाइडेन के इस फैसले से अमेरिका में रह रहे करीब एक लाख भारतीयों के जीवनसाथी भी काम कर सकेंगे। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, H-1B होल्डर्स के जीवनसाथी भी इकोनॉमी को बेहतर करने में मदद करेंगे। एक आंकड़े के मुताबिक, करीब एक लाख H-4 वीजा होल्डर्स हैं। इनमें से 90% भारतीय हैं। इनमें से भी 93% महिलाएं हैं। कमला हैरिस ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान ट्रम्प के इन वीजा होल्डर्स के काम करने पर रोक को नाइंसाफी बताया था। उन्होंने इसे हटाए जाने की मांग की थी। हैरिस ने कहा था- इससे इस कैटेगरी के वीजा होल्डर्स वाले डॉक्टर्स, साइंटिस्ट्स और एकेडेमिक्स को नुकसान होगा। वे 2019 से ही ट्रम्प के इस कदम का विरोध कर रहीं थीं।