कोरोना महामारी में कई अस्पताल सहयोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ अस्पताल मनमाना पैसा ले रहे हैं। यह मानव जाति की सहायता करने का समय है। महामारी में कमाई के अवसर मत तलाशो। अस्पताल में जिन मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा रहा है, उसे न लगाकर जो लोग बेच रहे हैं, उनको जेल भेजा जाएगा। रेमडेसिविर इंजेक्शन उचित दर पर दिया जाए। कोविड मरीजों से मनमाना पैसा वसूलने और रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले अस्पतालों को कलेक्टर मनीष सिंह ने खुली चेतावनी दी। अस्पतालों की मनमानी की शिकायतों पर शुक्रवार शाम कोरेसीडेंसी कोठी पर बैठक बुलाई गई थी। इसमें शहर के लगभग सभी निजी अस्पतालों के संचालक मौजूद थे। कलेक्टर ने अस्पतालों से कहा कि पीपीई किट के 500 रुपये से अधिक कोई अस्पताल वसूल नहीं करेगा। रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करें। रेमडेसिविर इंजेक्शन गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को तत्काल लगाया जाए, इसमें किसी भी तरह की देरी न की जाए।उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों के संचालक यह सुनिश्चित करें की अस्पताल में पदस्थ अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन गैरवाजिब शुल्क पर ना बेचा जाए। बैठक में सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या, डा. अमित मालाकार सहित विभिन्न अस्पतालों के संचालक और प्रशासक मौजूद थे।