किन्नरों को अब पुलिस की नौकरी में आरक्षण मिलेगा। पटना हाईकोर्ट ने किन्नरों को न्याय दिलाने वाली इस याचिका को निष्पादित कर दिया है। बुधवार को राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एक हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि राज्य की कुल आबादी में किन्नरों की 0.039 जनसंख्या है। उसी जनसंख्या के आधार पर राज्य सरकार ने कोटा निर्धारित कर दिया है। यानी हर जिले में जब पुलिस बलों की नियुक्ति होगी तो उसमें एक ऑफिसर पद और 4 कांस्टेबल पद पर किन्नरों की नियुक्ति होगी।
इनकी आबादी अगर अधिक हुई तो स्क्वायड एवं प्लाटून के रूप में भी गठित किया जाएगा।चीफ जस्टिस संजय करोल तथा जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने किन्नरों को लेकर वीरा यादव की ओर से दायर जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि किन्नरों को सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है। जो पढ़े-लिखे एवं सभी कार्य में कुशल हैं, उन्हें पुलिस में आरक्षण नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार के वकील अजय ने कोर्ट से कहा कि किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट बना है, ताकि सामाजिक विसंगतियों को दूर किया जा सके। निकट भविष्य में भी उन्हें अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी।