मंगलवार तक के घटना क्रम के उपर नजर करे तो कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की महाआघाडी सरकार पर संकट के बादल छा गये हे। उद्धव ठाकरे की सरकार 31 महिनेमें ही खतरेमें आ गई हे। उसके कहीं विधायक और मंत्रीओने बागी तेवर अपनाये हे। यह सभी विधायको का फोन स्वीच्ड ओफ आ रहा हे। सूत्रो की माने तो जो विधायक के फोन बंद आ रहे हे उनमे शहाजी बापू पाटील, महेश शिंदे सातारा, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, विश्वनाथ भोईरस, संजय राठोडस, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैस्वाल, अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंतस सुहास कांदे, प्रकाश अबीटकरस प्रताप सरनाईक, गीता जैन, श्रीकांत शिंदे, राजन विचारे, बालाजी केकनिकर, गुलाबराव पाटील, शंभूराज देसाई, चिंतामण वणगा, अनिल बाबर, ज्ञानेश्वर चौगुले, रायमूलकर, लता सोनवणे, यामिनी जाधव, किशोर अप्पा पाटील सामिल हे।

महाराष्ट्रमें जो चल रहा हे उनके उपर दिल्ही की भाजपा सरकार नजर बनायी हुई हे। यही सिलसिलेमें अमित शाहभी भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को मिलने पहुंचे हे। सूत्रो की माने तो शिवसेना के 23 विधायक को सुरत लाया गया हे। उनको सुरत के ली मेरिडियन होटेलमें लाया गया हे। यह होटल के आसपास पुलिस दल तैनात कर दिये गये हे। वहीं दूसरी और यह सभी विधायको को सुरत लानेमें गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के सांसद सीआर पाटील की भूमिका होनेकी संभावना जतायी जा रही हे। तो उदर दूसरी तरफ शिवसेना नेता एवं राज्य सभा सांसद संजय राउतने कहा हे की महाराष्ट्र सरकार के उपर कोई संकट नहीं हे। कुछ विधायको को गुमराह कीया गया हे।

वह शिवसेनामें आना चाहते हे लेकिन उनकी सुरतमें घेराबंदी की गई हे। दूसरी तरफ जो जानकारी मीली हे उसके अनुसार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस दिल्ही पहुंच गये हे तो दूसरी तरफ एनसीपी नेता शरद यादव शिवसेना सुप्रिमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे से संपर्क बनाये हुए हे। तो संजय राउतने अपना दिल्ही का दोरा रद कर दिया हे। वहींं मंगलवारको रात ढाई बजे सभी विधायको को सुरत से गुवाहाटी भेजा गया था।

अब दूसरी तरफ शिवसेना संकटमें टीएमसी की एन्ट्री हो चूकी हे। गुवाहाटी के होटल के बहार टीएमसी कार्यकर्ता एकत्र हुए और उन्होने उस होटल के बाहर हंगामां किया जहा बागी विधायक ठरहे हुए हे। उसके पहले उद्धव ठाकरे अपना ओफिसियल सीएम हाउस वर्षा बंगलो छोडकर मातोश्री रहेने के लिए पहुंच चूक हे। तो दूसरी तरफ अब सांसदोने अपनी नाराजगी जतायी हे। सूत्रो की माने तो सांसद शिवसेना नहीं उद्धव का साथ छोडना चाहते हे। आठ से नव सांसद नाराज हे और उनमे प्रमुख ममता गवली हेे। उन्होने ठाकरे को चीठ्ठी लिखकर बताया हे की शिवसेना को एकनाथ शिंदे के उपर कार्यवाही नहीं करनी चाहीए।