कोरोनाके मुश्किल समयते दोरान शुरु हुई एक हेल्पलाईनमें बहोत ही प्रसंशनीय कार्य करने वाली सुरत रूरल के महिला अफसर उषा राडाको लोगो को जीवनदान देने के लिए सन्मानित किया गया है। उन्होने लोकडाउनके दौरान गरीब वर्ग के लोगो के लिए राशन और दवाईकी मदद के साथ साथ जीवन बहुमुल्य है यह लोगो को समजाने के लिए एक हेल्पलाईन शुरु की थी। यह एन्टी स्युसाईड हेल्पलाईनके लिए उन्होने चार पुलिस ईन्स्पेक्टर और सब ईन्स्पेक्टरकी टीम बनाई थी। यह एन्टी स्युसाईड हेल्प लाईन में उन्होने अपना खुदका मोबाईल नंबरभी दिया था ताकी लोग उनका सीधा संपर्क कर शके। जो लोग खुदकुशी करने का सोच रहे थे वे उनको सीधा कोल करते थे। वह खुद फोन पर उनका काउन्सेलिंग करती थी और उनकी समस्या जानने के बाद उसको निपटाने का वायदा करती थी। उनके यह छोटे से प्रयास से कुछ लोगोने खुदकुशी की सोच बदल दी थी। उन्होने यह लोगो को जीने की नई राह दिखाई थी। जीसके कारण उनको स्केच एवोर्ड से सन्मानित किया गया है।

सुरत रूरल डीएसपी उषा राडाने स्थानिक गुजराती अखबार संदेश को बताया की सामान्य परिस्थितिमें लोग पुलिस को सजा करने वाले या फिर दंड करने वाले के तौर पे देखती है। पर सही बात यह है की पुलिसमें भी मानवीय गुण होते है। पुलिस भी संवेदना के साथ काम करती है। लेकिन पुलिस को समजने की कोई कोशिश नहीं करता। हमारा प्रयास है की लोगो का पुलिस के प्रति नझरिया बदले। हमारे लिए कीसी एक ईन्सान की जींदगी बच जाये वह भी कीसी एवोर्ड से कम नहीं है।